________________ वारासन 2 वीरासन 2 : कुछ कठिन रूपान्तर विधि वज्रासन में बैठिये / एक पैर के पंजे को दूसरी जाँघ पर रखिये। अपनी हथेलियों को सीने के सामने प्रार्थना की स्थिति में रखिये। आँखें बन्द कर लीजिय / स्वतंत्र पैर के सहारे घुटनों के बल उठिये। . . हथेलियों को एक साथ रखते हुए सिर के ऊपर ले जाइये। अंगुलियाँ ऊपर की ओर रहें / जितने समय तक सम्भव हो सके, करें। वज्रासन में वापस आ जायें / पैर को बदल कर इसी अभ्यास को करें। श्वास घुटनों पर उठते समय श्वास रोक कर रखें / जब आसन में स्थिर हो जायें, सामान्य श्वास-प्रश्वास शुरू कर दें। समय जितनी देर प्रत्येक पैर पर स्थिर रह सकें, उतनी देर अभ्यास करें। लाभ यह स्नायविक सन्तुलन बनाए रखने का प्रारम्भिक आसन है। 78