Book Title: Aadhunikta aur Rashtriyata
Author(s): Rajmal Bora
Publisher: Namita Prakashan Aurangabad

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Page 63
________________ साहित्य ६९ का सम्बन्ध सामूहिक जीवन से होता है । आज के युग में राष्ट्रीय भावना का जो विकास हो रहा है, वह सामूहिक उन्नति चाहता है, भेदभाव को दूर कर के वह मानववाद का सन्देश देता है । राष्ट्रीय साहित्य सामूहिक रूप से सर्जना - त्मक कर्म करने की प्रेरणा देता है । वह जनसमाज की इच्छाओं, संकल्पों तथा आकांक्षाओं में तात्विक समन्वय उपस्थित करता है । विशुद्ध रूप में राष्ट्रीय साहित्य इसी प्रकार का होना चाहिए । इस दृष्टि से जो साहित्य शिवं या लोककल्याण की भावना का समर्थन करनेवाला होगा उसका मूल्य सामयिक के साथ सार्वकालिक भी होगा । ( साहित्य - सन्देश आगरा में अप्रैल १९६३ में ' राष्ट्रीय साहित्य शीर्षक से प्रकाशित )

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