Book Title: Aadhunikta aur Rashtriyata
Author(s): Rajmal Bora
Publisher: Namita Prakashan Aurangabad

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Page 93
________________ समस्याएँ को यगान रूप पनपने का अवसर देने के लिए भी तैयार होने की आवश्यकता है। मैक्स वेबर का कहना है कि --" धर्मों की रूढ़िवादिता व परम्परावाद न तो केवल काम की इच्छा से छिन्न-भिन्न किये जा सकते हैं, और न जनसंख्या वद्धि से। ये तो केवल नये पैगम्बरों द्वारा नष्ट किये जाते हैं। हमें मैक्स वेबर के इस निष्कर्ष से सीख लेनी है और नित्यप्रति के जीवन को भी ऊँचा उठाते हुए समाज में क्रांति उपस्थित करनी है / यह कार्य पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा हो रहा है। व्यक्ति की बुनियादी आवश्यकताओं को पूर्ण करने में राष्ट्र को समर्थ होना चाहिए। योजनाओं की सफलता और असफलता के गुण दोषों पर विवेचन होना चाहिए / जब तक हमारा राष्ट्र भीतर से दृढ़ एवं शक्तिशाली नहीं होगा तब तक अन्य राष्ट्र हमारी दुर्बलता का लाभ उठाते रहेंगे। ( साहित्य परिचय, राष्ट्रीय एकता विशेषांक; आगरा, जनवरीफरवरी 1970 में, 'राष्ट्रीय एकता के मार्ग में बाधाएँ' शीर्षक से प्रकाशित) ____ तथा कुछ अंश ( विश्व-ज्योति, होशियारपुर, मार्च 1967 में राष्ट्र रक्षा के साधक तत्त्व' शीर्षक से प्रकाशित )

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