Book Title: Yogvinshika Prakaranam
Author(s): Haribhadrasuri, Yashovijay Gani, Kirtiyashsuri
Publisher: Sanmarg Prakashan

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Page 14
________________ / योगविंशिकाप्रकरणम् / / ॥विषयानुक्रमः / / खण्ड-१, योगविंशिकाप्रकरण, सटीक सानुवाद पत्र 3 तः 72 खण्ड-२, योगविंशिकाप्रकरण, सटीक-सटीप्पणक पत्र 75 तः 160 खण्ड-३, योगविंशिकाप्रकरण, परिशिष्टानि 1 तः 8 पत्र 163 तः 196 क्रम विषय गाथा क्र. खण्ड-१ पत्र क्र. .. खण्ड-२ पत्र क्र. 0 0 0 ' << wal o rin x 3 w gv 0 0 0 0 . ' ' ' 0 0 10. . 11. 0 योगस्य लक्षणम् आशयपञ्चकम् प्रणिधानाशयः प्रवृत्त्याशयः इतिकर्तव्यता विघ्रजयाशयः हिताहितमिताहारस्वरूपम् मिथ्यात्वादिप्रतिपक्षभावना श्रद्धानरूपं सम्यक्त्वम् सिद्ध्याशयः विनियोगाशयः धर्मतत्त्वस्वरूपम् पुष्टि-शुद्धिस्वरूपम् स्थानादिपञ्चविधयोगः ध्यानम् स्थानोर्णादिव्याख्या आसनानि योगाभ्यासः स्थानादिषु योगत्वं निरूपचरितम् द्विविधो योगः योगस्वामिस्वरूपम् अध्यात्मादिपञ्चविधो योगः तत्फलञ्च 12. 0 0 13. 14. 15. ॐ ॐ ॐ ॐ . . 17. 18. 19. 20. 21. 22. w w 2 W

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