Book Title: Vividh Pujan Sangraha
Author(s): Champaklal C Shah, Viral C Shah, 
Publisher: Anshiben Fatehchandji Surana Parivar

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Page 12
________________ विविध पूजन संग्रह ॥ ११ ॥ Jain Education International ॥ नमो वीतरागाय ॥ ॥ श्री सिद्धचकाय नमः ॥ ॥ श्री नीति - हर्ष महेन्द्र-मंगल- अरिहंतसिद्ध- हेमप्रभसूरिभ्यो नमः ॥ ॥ श्री सिद्धचक्रपूजनविधिः ॥ 蛋蛋蛋 यस्य प्रभावाद्विजयो जगत्यां सप्ताङ्गराज्यं भुवि भूरिभाग्यम् । परत्र देवेन्द्रनरेन्द्रता स्यात्, तत् सिद्धचक्रं विदधातु सिद्धिम् ॥१॥ (१) प्रथम पूजनमां उपयोगी सर्व द्रव्योने मंत्रपूर्वक वासक्षेप करवो । (२) वाजते - गाजते प्रभुजीने पधराववा । (३) श्री सिद्धचक्रजीनी त्रण चोवीशीओ मधुरस्वरे ( समय होय तो ) भणवी । For Personal & Private Use Only श्री सिद्धचक्र पूजन विधि ॥ ११ ॥ www.jainelibrary.org

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