Book Title: Vividh Puja Sangraha
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 472
________________ ४६४ विविध पूजासंग्रह नाग प्रथम. ४ पड़ी अगर, चंदन, कपूर, कुंकुम, कस्तूरीनु चूर्ण करी, कचोली जरी, प्रनु श्रागल उनो रही, मुख थकी चोथी पूजानो पाठ जणे. ते जणीने वासचूर्ण बिंब उपर गंदे; जिनमंदिरमा चूर्ण उडाले. ५ पली गुलाब, केतकी, चंपो, कुंद, मचकुंद, सोवन जाति, जूर, विउल सिरी इत्यादि सुगंधयुक्त पंचवर्ण फूल लश, जनो रही, मुख थकी पांचमी पूजानो पाठ नणे. ते जणीने पंचवर्ण फूल चढावे. ६ पड़ी नाग, पुन्नाग, मरुज, दमणो, गुलाब, पामल, मोघरो, सेवंत्री, चमेली, मालती प्रमुख पंचवर्णनां कुसुमनी सुंदर माला गुंथीने हाथमां लक्ष उनो रही बही पूजानो पाठ जणे. ते जणीने प्रजुने कंठे फूलनी माला पहेरावे. पली पंचवर्ण फूलनी केशरथी श्रांगी रची हाथमा लश् मुख थकी सातमी पूजानो पाठ नणे. ते नणीने सुगंधित पुष्पे करी अत्यंत नक्तिए सहित नगवंतना शरीरे आंगी रचे. G पली घनसार, अगर, सेलारस प्रमुख सुगंधवटी श्त्यादिक सुगंधचूर्ण रकेबीमां नाखी, हाथमां लश् Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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