Book Title: Vividh Puja Sangraha
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 483
________________ पंच क तथा श्रीद्वादशवत पूजाध्यापन विधि. ४७५ ॥अथ पंचकल्याणक पूजाध्यापन विधिः॥ ॥प्रत्येक पूजा दी थाप पुंज एकेकी वस्तुना करवा, श्राप स्नात्रीया उन्ना राखवा, पाठ कलश पंचामृतना नरवा॥इति पंचकल्याणक पूजाविधिः॥ ॥अथ छादशव्रत पूजाध्यापन विधिः ॥ ॥ विशाल जिनजुवनमां अथवा पीठिकानी रचना करीने त्यां महावीर प्रजुनी प्रतिमा स्थापन करवी. वाम दिशिए कल्पवृक्ष स्थापन करवू. पठी ते प्रतिमा बागल प्रत्येक पूजा दीउ जे जे वस्तु प्रजुने चढे नेते चढाववी. बाकी दर्पण,अष्ट मंगल अने ध्वजाउँ सर्व मूकवां, जघन्यथी तेर पुरुष, तेर इंशाणी. शेष विधि अष्टप्रकारी पूजानी रीते जाणी लेवो अने एकसो ने चोवीश अतिचार टालवा निमित्ते एकसो ने चोवीश दीपक करवा ॥ इति छादशत्रत पूजाविधिः ॥ ए प्रजानी सर्व गाथा (१२४) श्लोक संख्या (२०३) जे. ॥ए पूजामांश्रावकनां शुद्ध सम्यक्त्वादि बारे व्रतनो विधि,ते समकितना पांच, बार व्रत तथा कर्मादानना पंचोतेर, संलेषणाना पांच, ज्ञानना श्राउ, दर्शननाआठ,चारित्रनाआउ,वीर्यना त्रण अने तपनाबार, ए सर्व मली एकसो चोवीश अतिचार सहित कह्यो बे॥ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org


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