Book Title: Visheshavashyak Bhashyam Purvarddha
Author(s): Jinbhadra Gani Kshamashraman
Publisher: Rushabhdev Keshrimal Shwetambar Samstha
View full book text ________________ विशेषाव. कोट्याचार्य वृत्ती शलाकापुरुषाः // 458 // // 458 // RANCHINGAROk पणतीसा तीसा पुण अट्ठावीसा य वीसह धणूणि / (पन्नारस वार) सेव य अपच्छिमेस (त्त य धणूणि) // 1773 // चउरासीतिबावत्तरीय पुवाण माहिया एए (सयसहस्साई)। पंच य तिन्नि य एगंच एवमेते (सयसहस्सा उवासाणं) (पंचाणउह सहस्सा चउरासीई य अट्ठमे सट्टा)।तीसाय दस य तिन्निय अपच्छिमे सत्त वाससया॥१७७५॥ अद्वेव गया मोक्खं सुहुमो बंभो यसत्तम पुढविं। भगवं सणकुमारो सणंकुमारं गया कप्पं // 1776 // पंचरिहंते वदंति केसवा पंच आणुपुवीए। सेज्जंसतिविट्ठाती धम्म पुरिससीहपेरंता // 1777 // अरमल्लिअंतरे दोन्नि केसवा पुरिसपोंडरियदत्ता।मुणिसुव्वयनेमिणो अंतरंमि (मि अंतरि)नारायण कण्ह नेमिम्मि पढमो धणूणऽसीती सत्तरि सट्ठी य पण्ण पणयाला। अउणत्तीसं च घणू छव्वीसा सोलस दसेव // 1779 // चउरासीती विसत्तरि सट्ठा तीसाय दस य लक्वाइं। पण्णढिसहस्साइं छप्पण्णा बारसेगं च // 1780 // एगो य सत्तमाए पंच य छट्ठीए पंचमी एगो। एगोय चउत्थीए कण्हो पुण तच्चपुढवीए // 1781 // अनियाणकडा रामा सब्वेविय केसवा नियाणकडा / उड्ढुंगामी रामा केसव सब्वे अहोगामी // 1782 / / अटुंतकडा रामा एगो पुण बंभलोगकप्पंमि / तत्तोवि चइत्ताणं सिन्झिस्सइ भारहे वासे // 1783 / / चक्किदुगं हरिपणगं पणगं चक्कीण केसवो चक्की / केसव चक्की केसव दुचक्की केसव चक्की य॥१७८४॥ अह भणति नरवरिंदो तात! इमीसेतियाए परिसाए / अण्णोवि कोवि होहिइतित्थगरु इमंमि वासंमि॥१७८५॥ तत्य मिरीई नाम आइपरिवायओ उसभणत्ता सज्झायझाणजुत्तो एगते झायइ महप्पा // 1786 // AREPARAN
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