Book Title: Visheshavashyak Bhashyam Purvarddha
Author(s): Jinbhadra Gani Kshamashraman
Publisher: Rushabhdev Keshrimal Shwetambar Samstha
View full book text ________________ विशेषाव० कोव्याचार्य अभवः वृत्ती // 471 // 15450525AGALOK तेलोक्कं असमत्थंति पेह एयस्स चालणं काउं / अज्जेव पासह इम मम वसगं रुद्धजोगतवं // 1956 / / श्रीवीरविअह आगतो तुरंतो देवो सकस्स सो अमरिसेणं / कासी अय(ह) उवसग्गंमिच्छादिट्ठीपडिनिविट्ठो // 1957 // धूली पिपीलियाउ उद्दसा खलु तहेव उण्हेला / विच्छुग नउला सप्पा य मूसगा चेव अट्ठमगा॥९९५८॥ हत्थी हस्थिणियाओ पिसायए घोररूव वग्धे य / थेरो थेरी सूओ आगच्छह पक्कणो य तहा // 1959 // // 471 // खरवाय कलंकलिया, कालचक्कं तहेव य / पाभाइयउवसग्गे, वीसइमोहोड अणुलोमो // 1960 // सामाणियदेविडि देवो दाएइ सो विमाणगओ। भणति य वरेह महरिसि निष्फत्तिं सग्गमोक्खाणं॥१९६१।। उवहयमतिविण्णाणो ताहे वीरं बहुं सहावेउं / ओहीय जिणं झाय (जाण)इ झायति छज्जीवहियमेव // 1662 // वालुगपंथे तेणा माउलपारणए तत्थ काणच्छी। तत्तो सुभोम अंजलि सुच्छित्ताए य विडरूवं // 1963 // मलये पिसायरूवं सिवरूवं हथिसीसए चेव / ओहसणं पडिमाए मसाण सक्कोजवणपुच्छा // 1964 // तोसलि कुसिस्सरूवेण संधिच्छेओ इमोत्ति बज्झो य / मोएइ इंदयालिउ तत्थ महाभूइओ नाम // 1965 // मोसलिसंधिसुमागह मोएतियरहिओपितिवयंसो।तोसलिय सत्तरज्जुय वावत्तीमोसलीमोक्खो॥१९६६॥|| सिद्धत्यपुरे तेणोत्ति कोसिओ आसवाणिओ मोक्खे। वयगामहिंडणेसण बीयदिणे वेति उवसंतो॥१९३७॥ वह हिंडह न करेमि किंचि इच्छा ण किंचि वत्तव्यो। तत्थेव वच्छवालिय थेरी परमण वसुहारा // 1968 // 'छम्मासे अणुवर्ट देवो कासीअसोउ उवमग्गे। बहण वयग्गामे बंदिय वीरं पडिनियत्तो॥१९६९॥ ETECRORSCALA RACCEO
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