Book Title: Visheshavashyak Bhashyam Purvarddha
Author(s): Jinbhadra Gani Kshamashraman
Publisher: Rushabhdev Keshrimal Shwetambar Samstha
View full book text ________________ 5 विशेषाव ||श्रीवीरवि कोव्याचार्य भुभवः वृत्ती // 472 // // 472 / / 316446708545 देवो ठिओ महिडीउ मन्दरचूलियाए सिहरम्मि। परिवरिओ (सोउ)सुरवरहितस्स य सागरोवम सेसं॥ आलभियाए हरिविज्जू जिणस्स भत्तीऍ वंदओएह। भगवंपियपुच्छाजिय उवसग्गा थोव सेसं च // 1971 // हरिसहसेयवियाए सावत्थि खंदपडिमाऍसक्कोय। ओयरिउं पडिमाए लोगोआउद्दिउं वंदे 576 // 1872 // 3 कोसंवि चंदसरोतरणं (वाणारसीइ सक्को उ / रायगिहे ईसाणे मिहिला जणओ य धरणो य // 1973 // वेसालिवास भूयाणंदे चमरुप्पाओय सुंसुमारपुरे। भोगपुर सिदिकंदय माहिन्दो खत्तिओ कुणइ॥१९७४॥ | (वारणसणंकुमार हा.)सणकुमारमोयण णंदिग्गामे य पिउसहो नन्दी मेंढियगामे गोवे वित्तासणगं च देविंदो॥ कोसंवि सयाणीओ अभिग्गहो पोसबहुलपाडिवए।चउमासे य मियावह विजय सुगोत्तोय नंदाय // 1976 // तचावाई चम्पा दहिवाहण वसुमती वितियनामा / धणवह मूलालोयण संपुल दाणं च पव्वजा // 1977 // तत्तो सुमंगलाए सणंकुमार सुच्छेत्तए य माहिंदो। बालग वाइलवणिए अमंगलं अप्पणो असिणा॥१९७८॥ चम्पावासावासे जक्खिदा साइदत्तपुच्छा य / वागरण दुहपदेसण पच्चक्खाणे य दुविहे उ // 1979 // जभियगामे णाणस्स उप्पया वागरेइ देविन्दो / मेंढियगामे चमरो वंदण पियपुच्छणं कुणइ / / 1980 // छम्माणि गोव कडसिलपवेसणं मज्झिमाऍ पावाए / स्वरओ विज्जो सिद्धत्थवणियओणीहरावेइ / / 1981 / / जंभियबहि उजुवालिय तीरवियावत्त सामसाल अहे। छटेणुक्कुगुयस्स उ उप्पण्णं केवलं नाणं // 1982 // जो य तवो अणुचिण्णो वीरवरेणं महाणुभावेणं। छउमत्थकालियाए अहम कित्तइस्सामि // 1983 // ECRUGRAMOKAARAK
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