Book Title: Visheshavashyak Bhashyam Purvarddha
Author(s): Jinbhadra Gani Kshamashraman
Publisher: Rushabhdev Keshrimal Shwetambar Samstha

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Page 467
________________ श्रीवीरवि भुमवः सूची C // 463 // विशेषावकर वेमाणियागयाणं च विमाणं भवणमवरणामाओ (मायाणं)। पेच्छन्ति मायरोइह विमाणभवणाई ण तुदोवी॥१८४४ कोट्याचार्य अह दिवसे बासीतिं वसति तहिं माहणीऍकुच्छिसि ।चिंतेइ सुहम्मवती साहरि जे जिणं काले / 1845 // अरहन्त चक्कवट्टी बलदेवा चेव वासुदेवा य / एए उत्तमपुरिसा णहु तुच्छकुलेसु आयन्ति // 1846 // उग्नकुलभोगखत्तियकुलेसुइक्खागनायकोरब्वे।हरिवंसेय विसाले (आयन्ति तहिं पुरिससीहा)॥१८४७॥ // 463 // अह भणइ णेगमेसिं देविंदो एस एत्थ तित्थयरो। (लोगुत्त)मो महप्पा उववण्णो माहणकुलम्मि // 1848 // खत्तियकुंडग्गामे सिद्धत्यो नाम खत्तिओ अत्थि। (सिद्धत्थभारि)याए साहर तिसलाए कुच्छिसि // 1849 // बादति भाणिऊणं वासारत्तस्स पंचमे पक्खे / साहरइ पुवरत्ते हत्थुत्तरतेरसीदिवसे // 1850 // गयउसभसीहअभिसेयदामससिदिणयरं झयं कुम्भ। पउमसरसागरविमाणभवणरयणुच्चयसिहिं च // 1851 // एए चोइस सुमिणे पासति सामाहणी पडिनियत्त जरयणिं अवहरिओ कुञ्छिसि महायसो वीरो॥१८५२॥ गयवसभगाहा० 56 // एए चोइसगाहा०५७॥ तिहिं नाणेहिं समग्गो देवीतिसलाएसो उ कुच्छिसि / अह वसइसन्निगम्भोछम्मासे अद्धमासंच॥१८५३॥ अह सत्तमंमि मासे गन्भत्थो चेवभिग्गहं गिण्हे / नाहं समणो होहं अम्मापियरम्मि जीवन्ते॥१८५४॥ दोण्हं वरमहिलाणं गन्भे वसिऊण गन्भसुकुमालो। नवमासे पडिपुण्णे सत्त य दिवसे समइरेगे // 1855 / / अह चेत्तसुद्धपक्खस्स तेरसी पुन्वरत्तकालम्मि / हत्युत्तराहिं जाओ कुण्डग्गामे महावीरो // 1856 //

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