Book Title: Varang Chariu
Author(s): Sumat Kumar Jain
Publisher: Kundkund Kahan Parmarthik Trust

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Page 11
________________ 28 विषयानुक्रमणिका विषय वस्तु पृष्ठ संख्या प्रस्तावना 1-84 1. अपभ्रंश भाषा एवं साहित्य की परंपरा (i) भाषा विकास की अविच्छिन्न धारा (ii) भाषा परिवार विभाजन (ii) अपभ्रंश भाषा एवं उसका संक्षिप्त इतिहास परिचय (iv) अपभ्रंश साहित्य (v) वरंगचरिउ का महत्त्व 2. वरंगचरिउ : एक परिचय (i) प्रति परिचय (ii) ग्रंथ एवं ग्रंथकार परिचय (iii) कथा विकास एवं वरंगचरिउ की मूलकथा (iv) वरंगचरिउ की परम्परा (v) समकालीन रचनाकार (vi) भाषा (vii) छंद, अलंकार एवं रसविवेचन (viii) चारित्रिक विकास (ix) प्रकृति चित्रण (x) धार्मिक विकास वरंगचरिउ मूलपाठ हिन्दी अनुवाद सहित परिशिष्ट 212 क. विशिष्ट धार्मिक शब्दावली 212 ख. नामानुक्रमणिका सन्दर्भ ग्रंथ-सूची 85 230 237

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