Book Title: Uttaradhyayansutram Part 02
Author(s): Vadivetal, Shantisuri,
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
View full book text
________________
सोरियपुरंमि नयरे, आसि राया महड्डिए । वसुदेवत्तिनामेणं, रायलक्खणसंजुए ॥१॥ तस्स भज्जा दुवे आसि, रोहिणी देवई तहा । तासिं दुण्डंपि दो पुत्ता,इट्ठा (जे) रामकेसवा ॥२॥ सोरियपुरंमि नयरे, आसि । राया महड्डिए । समुद्दविजये नामं, रायलक्खणसंजुए ॥३॥ तस्स भज्जा सिवा नाम, तीसे पुत्तो महायसो। भयवं अरिहनेमित्ति, लोगनाहे दमीसरे ॥४॥सोरिट्टनेमिनामो अ, लक्खणस्सरसंजुओ। अट्ठसहस्सलक्खणधरो, गोयमो कालगच्छवि ॥५॥ वज्जरिसहसंघयणो, समचउरंसो झसोदरो। तस्स राईमई कन्नं, भजं जायइ केसवो॥६॥ अह सा रायवरकन्ना, सुसीला चारुपेहिणी। सव्वलक्खणसंपन्ना, विजुसोआ
मणिप्पभा॥७॥ अहाह जणओ तीसे, वासुदेवं महडियं । इहागच्छउ कुमरो, जा से कन्नं ददामहं ॥८॥ है सव्वोसहीहिं पहविओ, कयकोऊयमंगलो। दिव्वजुयलपरिहिओ, आभरणेहिं विभूसिओ ॥ ९॥ मत्तं च । गंधहत्थिं च, वासुदेवस्स जिट्टयं । आरूढो सोहई अहियं, सिरे चूडामणी जहा ॥ १०॥ अह ऊसिएण छत्तेण, चामराहि य सोहिओ।दसारचक्केण तओ, सव्वओ परिवारिए ॥११॥ चउरंगिणीए सेणाए, रइयाए । जहक्कम । तुडियाणं सन्निनाएणं, दिव्वेणं गगणं फुसे ॥१२॥ एयारिसीइ इड्डीए, जुइए उत्तमाइ य। नियगाओ| भवणाओ, निजाओ वण्हिपुंगवो ॥१३॥ अह सो तत्थ निजतो, दिस्स पाणे भयहुए। वाडेहिं पंजरेहिं च,
Jain
www.jainelibrary.org
For Personal & Private Use Only
due on Internet

Page Navigation
1 ... 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568