Book Title: Uttaradhyayanani
Author(s): Nemichandracharya
Publisher: Pushpachandra Kshemchandra Balapurwala

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Page 768
________________ भावतो रूप्यजीवप्ररूपणा। रसओ तित्तए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥२९॥ रसओ कडुए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥३०॥ रसओ कसाए जे उ, भइए से उ वन्नओ। गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ विय ॥३१॥ रसओ अंबिले जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥३२॥ रसओ मुहुरए जे उ, भइए से उ वन्नओ। गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥३३॥ फासओ कक्खडे जे उ, भइए से उ वन्नओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य॥३४॥ फासओ मउए जे उ, भइए से उ वन्नओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥३५॥ फासओ गुरुए जे उ, भइए से उ वन्नओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥३६॥ फासओ लहुए जे उ, भइए से उ वन्नओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥३७॥ फासओ सीयए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥३८॥ फासओ उहए जे उ, भइए से उ वन्नओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥३९॥ फासओ निद्धए जे उ, भइए से उ वन्नओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य॥४०॥ फासओ लुक्खए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥४१॥ परिमंडलसंठाणे, भइए से उ वन्नओ। गंधओ रसओ चेव, भइए फासओ वि य ॥४२॥ संठाणओ भवे वट्टे, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए फासओ विय ॥४३॥ संठाणओ भवे तंसे, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए फासओ वि य॥४४॥ BXXXXXXXXXXXX

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