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उपासग नत्र
| बार परष दावी दवा गई | काव देखना सात्तलीन । तेशिकाल तेशि | श्रमणा । जेनव मुशिष्प इपानीघरे गया।
स. म
| गवता
ra.
राए परिसा निग्रयांजाव पडि गता । तेां काले
सा। जेठ
गौतम गोत्री सातहास भाऊचा
समच से स्वान सचित
वासा) इनूतिनामा
गर॥
वा साद तू ना मेगा रेगो यम ते सत्र सोहा समचरं सा संग
कसानानी पर दे दी य्प मान प० कमलस राम्रो गोरा
संठी | वजुरिसहानाराय संघया का मुलगा निघस पैमृगो रे | नगा
म० मोटा त पर्वत
तच्चेदिततवे। तत्ततवे घोरतादाम हात वे उराले घो र गुण घोरत व साघो
रबेनचेरवासी न छूट स रा रे। संखिताविचलते न ले से बहं बाहय अणि २३