Book Title: Upasakadasanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Somji Rishi
Publisher: Surat
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ऊ
वर्षतई
अधवा उस्वानादिक पाषरं | पुरूषा कारमा कर्मपाप करी की जई | तिवारपनी तेसदालपुत्र || हाणंजा व पुरिसक्कार पर कमेणं कांति। ततेां से सद्दाल पुते चा गोसा जानो श्रावक | श्रमण सगर्वतमा दावीर दे । इम कदबई | सदन ज्यत्र्य एंस्वाने | जाव पराक्र जीविधवास ए| समणं सगवंमदा वीरं | एवंवयासी | संतेाणु ठाणे गं| जावापु मयत्रादिकपा बरंदो नधी | [ उस्वान) [ यावत् | प्राक्रम | जगमा दुई | निस बई | रिसकारपरक्कमेणं | एािणितिया | जावपुरिमक्कारपरक्कमेतिचा नित्या | सर्वपादा | तिवारी | माग वं नमहावीरदेव | सद्दालपुत्र | गोसालाना श्रावकत्रतरं | इमकहिज सच्चा वा न ते सम ऐलग वंमा दावीरे| सद्दालपुत्तं ाजी विज वासयं । एवंवया || हेमद्दालपुत्र || गोसालाना श्रावक प्रन) इम कहि | देसराजपुत्र | | गोसालाना | श्रावक' | सी महालपुत्त्रा च्या जीवित वासयं । एवं वयासी सद्दाल पुलाच्या जीवी वास

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