Book Title: Upasakadasanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Somji Rishi
Publisher: Surat
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मयमा गादिकमध्याघ्रा मनुष्यादिकमध्व ऊत्तादिकशेकणेमासिकादि बाबाउपाधअप्पा सम्मागिपड्याळ
ना दिकरवातानई डगादिकरंदीत दाताई कदातई दरता माणे रवद्यमारणे निघमाणे सिधमालुप्पमारणेविलुप्पमाणेउमयपडिवणे पंधधकीपणित्रष्टजंता मिश्रावआप्पा] अष्टविधकर्मतमपरलसमोदकरानाबाद्याजावन | घण धम्मनलाई
धर्मकछाउपदेशदेईनई। सम्पदविप्पण्डेमिलतबलासितपत्रविदकम्मतम्मपडलपडोबणेब ई। अपस्करी देतयं पश्नउन्नररंकराचगति संसारकतारऊता। स्वस्तिकरीनि जहिदिया जाववागरणदियाचाउरताउसंसारकतारा साहानि स्तारई || नेतेणईकारणई देदेवाएंपियमा मकहाई श्रमण सगर्वतमहावीर माहायमेकवक ।
देवो पहचोकदार। बारेति सेकेण्हणे देवाणुप्पिया एवंवुञ्चतिसमजावमहाधम्मकदा भाग वलागोसाजोमदाल हेदेवाएं।
मकतिवा सदाजपुत्रगोसालानइंकाई
बईतेऊंण देवाएं पिया एणं देवाणियाइद महाणिधामण सकेगदेवाणुपिया महाणियामय
नपुत्र
पतकहनाबाजीता पियाहां।

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