Book Title: Upasakadasanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Somji Rishi
Publisher: Surat

View full book text
Previous | Next

Page 191
________________ || राजरनगरमध्य मधोमा प्रवेसकस्मोकरीने जिदां महासतक आवकji शरायमिदनगरंमर्शमशेणं अणुपक्सिजेणेवमहासयगस्मासमोवा घरबा जिहां महासत्तका श्रावक तिहां अावीमई) तिवारपली ते सगस्मगिदे जेणेवमहासयएसमोवासए तेणेवउवागतिशतएम्सेम महासतका श्रावकशासगवंतगौतमनई आवत्ता देषान हर्षपापोहीयानविषईपल हासयएसमोवासएसगवंगोयमापद्यमाणंपासईशहाजावदियाए तगर्व भगवंतगौतमनई नमस्कार तिवारपनातेसगवंतगोतम माहासतक श्रावकप्रतज्ञ मकहि गोयमवंदईनर्ममर्शतएणंसेगवंगोयमे महासययं समएवासय एवंद 5] | मनिश्वर हेदेवाणंत्रिया।। श्रमणत्तगवंतमा हावारई माया मताप्युं । यासी एवंखलुदेवाएंपिया समणेतगर्वमहावारी एवंमाश्वशएवंतासति वादीनई करीन

Loading...

Page Navigation
1 ... 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202