Book Title: Upasakadasanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Somji Rishi
Publisher: Surat

View full book text
Previous | Next

Page 189
________________ रेवतागाधापतिणीपत मकहियावर उतरकिजाश्म निश्चई नकल्प गोतम रेवईगादावईणि एवंवयासी जावववक्रिदिसिनोखलुकप्पईगोय श्रावक|| मरणनई अंतई। सलेषणाकाधीतेणईकरीमुस्पोशरीर सात मासमणोवासगरम पश्चिममारणतियाजावभूसियसरीरस्सातनपा पाणीप्रणवोबतो। । मरणजावतपत्रणवांबनांधकांनई अनेरानईब) सत्प|| तम्या परियाऽषियस्म/कालअलवकरखमाणमा परोसंतेहि तच्चेहि नहि । मत्तत्यवाहतपरं अनेरान अकमनाक अप्रियकारी अमपोगन । मननश्चणगमतो एहि संपलिहहिं अदिपिपदि प्रमणुगदिश्रमणमिदि पहवउक्चना कहिनाव नेमारइंतिहां जाउ हेदेवाएंपिया उन्हो महासतक। श्रावकनई। वागरणेहिं वागरितएतंगदिशंदेवाणंपिया उममहासययं समरणेवास

Loading...

Page Navigation
1 ... 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202