Book Title: Upasakadasanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Somji Rishi
Publisher: Surat

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Page 195
________________ स्विति। माहाविदेददेवनविष मिशासी समाप्त रोघय उपासगदशोगस्पमाहास वमातिहितिमाहाविदेदेवास सिशिदिति निरखेवाजवासमदसाग्रता तकस्पअष्टमंअध्ययनसमर्म। दिवईनवमुपारंजाब पणाप नियरहे लेकालचोपोआरो मन्यनयणं समन्नावानवमसनरवेवज एवंवखुजबुत्तेणंकानेश्मा सावधानगरीनवि कोइनामचै जितशत्रुराजा तिहासावधानगरीनविष नंदणिप्रियनामर्श, वकीपनयरीए कोहएचेए जियशत्रुरायातकणंसावलीपनदिएणपियानाम || गावापति वसईबरं धनादायावतको धारवी चारदिरणनीकोड वरतानविषाइंडा गादावर्षपरिवसति अहेजावअपरिपचतारिदिरणकोडीतो निहोणपना बाईचत्राशि चारहिरणीनीकोड दिनध्यापार चारदिरणनीकोडानोघरवाषरोधालकचोला । अक्षारिदिरणकोडातोवहीपस्तावेचनारिदिरणकोडीतो पविचरपन्ना पउद्यान नईविषबई दिका

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