Book Title: Upasakadasanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Somji Rishi
Publisher: Surat
View full book text
________________
नई॥
किस्पर्शमरणई मारपदं श्मसांसलीनापीन बीदना त्राही त्रासा) उदवेगपीमा सयपनो
विकमारणं मारिझिस्मामितिकहतीया तजातिसियानविणासंजायस उपासग
पबदलवरंपाबावलापानीव जिहां पोताघर तिआवाचीनई) आर्यभानधावा या सणियंरपच्चोसकई जेणेचसएगिदेतेऐववागवतिर उहयजाव लाग। तिवारपना तेरेवत्तीगाधापतिणी ]] पापकरी सातदिवसमा विमुचिकाकरीनशे रोगई शियाईतएणंसारवशादावईमा अंतोसत्तरतस्सालसएएवादिणा पत्तवीधकी] | आरोग्यांनश्करी कालमरणनईसमरंकालकरीन मअध्योगते अतितश्यासमा अहवसहा कालमासेकालकिच्चा मासेरय रत्नषतापयवान विष लोउचुननामान सदसवर्ष हवने तेसमानई श्रमणतगर्वन गप्पसाएपुढवाए लोलुचुयनरयो जावउववन्ना तेएकाले समगतगवं
ए
रकस्नविषय
अपनी
कान

Page Navigation
1 ... 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202