Book Title: Upasakadasanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Somji Rishi
Publisher: Surat

View full book text
Previous | Next

Page 166
________________ आवकनामध्यरात्रिनसमईतरंविषई एकदेवता ममाप आधीन पुस्तस्मासमोवासगरम पुचस्तावरतकालसमंसि एगेदेवे अंतियंपावत्तवि उपासग । तिवारपबीतेदेवता एकमोटोरवडगग्रहान, मजामचुलणपितानउपानिमजसदालपुत्रनई was म र्गकीक्षा देवत्तारंपसकीया लाततेसेदेवे यगंमनीलुप्पन एवंजहाचुलगी पियस्मातदेवदेवेनवसर्ग || एतलोविशेष अककपुत्रना नवनवमंसनासुला करीन अकमलघुपुत्रमारीनई पुर्ववत् । करेति वरंयकेवपुतीनवमंसमोलएकरेति जावकणीयसंघाएति जाव विषई तिवारपबीते महालपुत्र। [सयरहातविचरवालागो । तिवारपबीतेदेवता] सदालपुत्र परडयोमांस आश्चतिशततेणंसे सहानपने अतीजावविहरति ततेरणंसेदेवेसदालपु ||श्रावकनई सयरहीतदेवानईचउलीवार सदालपुत्र|| श्रावक नई तंसमोवास प्रसाश्जावपासिता चळपिसदालपुतं समोवासयं।

Loading...

Page Navigation
1 ... 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202