Book Title: Upasakadasanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Somji Rishi
Publisher: Surat
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तिवाररंजीवधारहि तिवारपबीश्रमणगवंत श्मकदि) देसहालपुत्रनिश्चश्नकरता कोश साववरो विद्यावा ततेसमजावएवंवयामी महालपुत्तानोश्वराम के एकपुर तादृशंसानन अग्निकरीपाको इस्पाङलालसाडीते अपहरईचोर भवन जाणवका पुरिसे वायाहयेवा पक्केलयंवा कोलालवहरेसिवानावा परिध्वेति नहें। अधिमिता | नार्या । | संघातशेविपुलघएं तोगतोगवईनही भोगवनोविचरश्नही ।।
अग्रिमिनाएवासारियाए सिद्धिविनलाईतोगतोगाशंकमाविहरति) नकरचं उम्तेपुरुषनई. श्राकोसनकरई नमार) अकालेजीवधको विपरीतनकररंगनोवानुमंतपुरिस अाउसेसिवादणेसिवा आवश्रकारलेचेवजीवियावविवरी
अनइंजना नघाउस्लोन । यावत पुरुषाकारपाक्रमनधी निसबरं सर्व विधसिजति मचिउधाणेतिवा भावपुरिमवारपरक्कमेतिवालितियासब

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