Book Title: Upasakadasanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Somji Rishi
Publisher: Surat
View full book text
________________
श्रमणनियंघनादृष्टपताविता रकामोबईतेमाई तिहाजजाईन सरालपुत्रन | गोसालानोप्रावक ताईकरनोबर्मअंगाका। समाएं निगंधाणं विहिपरिवणे तंगहामिणंसद्दालपुतं भाजावातावा करूं । श्रमण | मिगंधना] विष्टलांडावास)| पुनरपि गोसालानीविष्टलेवरावाम || सय समाएनियंधाणंदिछीवामिता पुरविश्राजीवियदिहंगिएदेवित इमकरानई पहचुवाचारीमई|| गोसालोमिष्यनई परिचारपरिवस्वो जिहां पोलासपुरानगर) एतिक एवंसंम्पेदितिराजीवियसंघपरिवुडे जेणेवपोलासपुरेनग || जहा आजीविकाससाबानिहां श्रावीनई उपगरणादिकम् जान | केतला रेडक्वाजावियसता तेवउवागछतिश्तंडगनिरवेवंकरितिशको एकशिष्पनई गोमाले माघईलामालेईनई जिहां। मदालपुर। श्रावकलाई लिदा श्रावाने वतिपहिंयाडीवीपहिंसिविजेणेवसद्दालपुते समगोवामए तेणेवउवाग
RSS

Page Navigation
1 ... 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202