Book Title: Tulsi Prajna 2004 04
Author(s): Shanta Jain, Jagatram Bhattacharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 45
________________ तेउकाय की पन्नवणासूत्र में अथवा जीवाभिगमसूत्र में नाम लेकर बात नहीं की है। फिर भी पन्नवणासूत्र में पूर्वधर श्यामाचार्यजी ने बादर तेउकाय के अनेक प्रकार विस्तार से बताने के बाद अन्त में अत्यन्त स्पष्ट शब्दों में बताया है कि 'जे यावण्णे तहप्पगारा....' अर्थात् (यहाँ इतना ध्यान रखना है कि सूर्यप्रकाश, चन्द्रप्रकाश, जुगनू का प्रकाश, जठराग्नि, बुखार की गरमी इत्यादि तेउकाय जीव स्वरूप नहीं है। ऐसा उल्लेख अन्य शास्त्रों में प्राप्त होता है। इसलिए उनका यहाँ व्यावर्तन करना चाहिए। उनका समावेश यहाँ दृष्ट नहीं है।) "जो दूसरे भी पदार्थ उपर्युक्त प्रकार से उष्णता, दाहकता इत्यादि लक्षण वाले हो तो उन्हें बादर तेउकाय रूप समझना।" कितनी दीर्घ दृष्टि से स्पष्ट शब्दों में अग्निकाय जीव की पहचान पन्नवणासूत्र में प्राप्त होती है। जीवाभिगमसूत्र की प्रथम प्रतिपत्ति के २५ वें सूत्र में भी इस प्रकार के शब्द देखने को मिलते हैं 22 उत्तर- पहले हम घर्षण या संघर्ष को समझें। घर्षण या संघर्ष-समुत्थित का सामान्य अर्थ है-दो ठोस पदार्थो के बीच रगड़। प्रश्न में घर्षण जो अर्थ करने का प्रयत्न किया गया है, वह प्रस्तुत प्रसंग में संगत नहीं है। यद्यपि पदार्थ यानि ठोस, तरल या बाष्प रूप पुद्गल जिन्हें सामान्यत: मेटर कहा जाता है और प्रकाश, ध्वनि आदि ऊर्जा रूप पुद्गल जिन्हें ऊर्जा कहा जाता है, दोनों एक ही पुद्गलास्तिकाय नामक द्रव्य के ही दो रूप हैं, फिर भी इनके गुणधर्मो की भिन्नता के आधार पर मेटर और एनर्जी को दो अलग-अलग अस्तित्व के रूप में देखा जाता है। चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) की रेखाएं मेटर के रूप में न हो कर ऊर्जा के रूप में होती हैं, इसलिए इनके साथ होने वाले "इण्टरेक्शन" भौतिक अर्थ में संघर्ष या घर्षण की कोटि में नहीं आते P3 जैन आगमों में वर्णित संघर्ष-समुत्थित अग्नि स्पष्टतः चकमक पत्थर या अरणी की लकड़ी आदि के रगड़ से उद्भूत आग के रूप में बनाई गई है। प्रस्तुतः प्रश्न को हम इस प्रकार रख सकते हैं-क्या बिजली की उत्पत्ति केवल घर्षण से ही होती है ? घर्षण से उत्पन्न होने के कारण ऐसी विद्युत् को 'संघर्ष-समुत्थित' अग्नि ही क्यों न माना जाए? उत्तर-बिजली उत्पन्न करने के अनेक तरीके हैं। इस पर दो दृष्टियों से विचार करना होगा (क) बिजली उत्पन्न करने का तरीका स्वयं हिंसा पर आधारित ही है या नहीं? (ख) बिजली उत्पन्न होने के पश्चात् वह सचित्त तेउकाय है या नहीं? हाइड्रोजन पावर-हाउस में बिजली टरबाईन द्वारा उत्पन्न की जाती है, उसमें मेगनेट 40 - तुलसी प्रज्ञा अंक 124 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110