Book Title: Tulsi Prajna 2004 04
Author(s): Shanta Jain, Jagatram Bhattacharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 50
________________ तात्पर्य यह हुआ कि - खुले वायर में चलने वाली विद्युत्-धारा जब ओजोन के संपर्क में आती है तब यदि कंबश्चन की क्रिया घटित होने के लिए आवश्यक सभी बातों का संयोग मिले, तो अग्नि पैदा हो सकती है 1. ज्वलनशील पदार्थ 2. ओजोन (ऑक्सीजन का ही पुष्ट रूप) 3. उच्च तापमान (ज्वलनांक) 4. प्रकाश यह तो इस बात को सिद्ध करता है कि विद्युत् स्वयं न अग्नि है, न विध्यात अग्नि है, पर अनुकूल संयोगों में अग्नि पैदा कर सकती है। इसका यह अर्थ निकालना कि विद्युत् के भीतर विध्यात अग्नि के रूप में छिपी अग्नि रहती है और राख से ढ़के हुए सुलगते अंगारों में रही अग्नि की तरह ही वह है, ठीक नहीं है। तब तो फिर ऐसा भी कह सकते हैं कि दियासलाई में विध्यात अग्नि छुपी है और मेच बॉक्स से रगड़ लगाने पर प्रकट हो जाती है। वस्तुतः विद्युत् का परिणमन अनुकूल संयोग मिलने पर अग्नि या अन्य ऊर्जा के रूप में होना सहज संभव हैं। विद्युत् प्रवाह अपने आप में पौद्गलिक ऊर्जा है, यह ऊर्जा अनुकूल संयोग पाकर अग्नि रूप में बदल सकती है । प्रश्न 14 - शंका:- अगर वायर में से पसार होती हुई इलेक्ट्रीसीटी वास्वत में अग्निकाय जीव हो तो जैसे दाहकता नामक गुणधर्म उसमें होता है वैसे उसमें उष्णता भी देखते को मिलनी चाहिए, क्योंकि दाहकता की भांति उष्णता, गरमी भी तेउकाय जीव का लक्षण है। समाधान:- वायर में से गुज़रती इलेक्ट्रीसीटी में उष्णता, गरमी भी होती ही है । इसीलिए तो ए.सी., कम्प्युटर, टी.वी. चेनल, इस्त्री लाइट वगैरह बहुत घंटे तक लगातार चालू रखने में आए तो दुकान, घर वगैरह में फिटींग किया हुआ आवृत्त वायर भी बाहर से गर्म लगता ही है। वायर के अंदर तीव्र गति से बहती इलेक्ट्रीसीटी की यह उष्णता भी घर्षणजन्य है । इसीलिए यह घर्षणजन्य तेउकाय जीव का ही एक प्रकार है । यद्यपि पावरहाउस वाले दुकान-घर इत्यादि में सिर्फ पांच १ एम्पीयर ( दो पीन वाले प्लग के लिए) या पंद्रह एम्पीयर वाली (तीन पीन वाले प्लग के लिए) इलेक्ट्रीसीटी सप्लाय करते हैं। जिससे गरम होने पर भी वह वायर पिघलता नहीं है परन्तु पचास एम्पीयर वाली इलेक्ट्रीसीटी दुकान, घर इत्यादि में फिटींग किए हुए वायर में से यदि पसार करने में आए तो अवश्य उस वायर का इन्स्युलेशन तुरंत ही पिघल जाएगा तथा स्पार्क होकर इन्स्युलेशन जल भी जाता है तथा हाईटेन्शनवाले खुले ट्वीस्टेड वायर में से ५०० से ८०० एम्पीयर वाली तीव्रतम पावर की इलेक्ट्रीसीटी पसार करने में आती है। अगर उसे दुकान या घर में फिटींग किए वायर में से पसार करने में आए तुलसी प्रज्ञा अप्रैल-जून, 2004 Jain Education International For Private & Personal Use Only 45 www.jainelibrary.org

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