Book Title: Tiloypannatti Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, Chetanprakash Patni
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 22
________________ विषय नायकानाएँ चतुर्थ बेदी भवनभूमियाँ जमानशक्ति का अतिशय प्रवेश निर्गमन का प्रमाण समवसरण में कौन नहीं जाते ? समवसरण में दरोगादि का अभाव ऋषभादि तीर्थकरों के यस 41 स्तूप चतुर्थ कोट (छाल) श्रीमन्डप भूमि समवसरण में बारह को पांचवीं बेदी प्रथम पीठ द्वितीय पीठ तृतीय पीठ मन्यकुटी अरहन्तों की स्थिति सिहासन से ऊपर अभ्म के इस अविजय केवलज्ञान के ग्यारह अनिय উथैंक বিপय अचार्य श्री टिक ९२४२६१ भ्रष्ट महाप्रातिहा समवसरणों में वन्दनारत जीवों की संख्या ६३८२८५ १३९ २०४ ६४०/२६५ ६४११२८५ ९४२२८६ ६४३२=६ २४६२६६ ६५२२२६६ ६७०१२९२ CUTT 10 मराबर संख्या रस " क्षेत्र गामा / १०० ८४७१२५५ २४६२५६ ८५०/२५६ ८५३१२५७ ८५७/२५८ ०६१।२५६ ८६५२१२ "સાર૬૪ ८७४२१५ ८६४।२७० ८६३।२७२ ८६६२७४ २०४१ २७८ " को यक्षिणियों का केवली कान बीच गणधर के व ऋद्धि सामान्य व बुद्धि विक्रिया के भेद एवं उनका स्वरूप क्रियाद्धि के भेद में उनका स्वरूप तप ऋद्धि के भेद व उनका स्वरूप बलम के भेद व उनका स्वरूप ओषति के भेद व उनका स्वरूप के भेद व उनका स्वरूप के भेद व उनका स्वरूप ३८ ६०५१२७८ ९०८१२७८ विषय २७७ २६५ १०३३३३०८ १०४२।३१० २०५८ ।११४ १००२।३१० १०७८१३१९ १०८०३२१ १०८६०३२४ करों के ऋषियों की संख्या के सात गए व उनकी पृथ् AP पृबक संख्या तीपंकरों की आकाओं का प्रमाण कामों के नाम प्रमुख भावकों की संख्या श्राविकाओं की संपर प्रथम सीधे में कवियों तथा ग्रस्य मनुष्यों एवं तिर्यों की संख्या मादि तीर्थंकरों के मुक्त होने की तिथि, काल, नक्षत्र और सहयुक्त जीवों की संख्या का निदेश दुर्वममुषमाकाल का प्रवेग धर्मतो की म्युच्युति भरताविक चक्रमतियों का निर्देश १९२६ १५० तीर्थकरों का प्रोगनिवृतिकास १२२०/३५६ के मुक्त होने के वजन १२२१।३५६ ऋषभादिकों के सी में अनुबद्ध केवमियों " " तियों की परोक्षता / प्रश्च कता भरतादिक चपतियों को ऊंचाई को मापु १२२३।३५७ अनुत्तर विमानों में जाने वालों की संख्या १२२६२६० मुक्ति प्राप्त पतिगणों १२२९३६१ म मुक्ति प्राप्त शिष्यगणों का मुक्तिकाल सौधर्माविको प्राप्त शिष्यों की संख्या भाष्यमरणों की संख्या ऋषभनाथ और महावीर का सिद्धिकाल करों के मुक्त होने का अन्तरकाल सौर्य प्रवर्तनकाल 11 " मात्रा/० ० ११०३।२२८ का कुमारकाल का मण्डलीकाल ११०१८३२१ ११७७१३४६ televe ११६२३४९ ११६४/१५० " न की उपलब्धि एवं दिग्विजय चक्रवतियों का मन ११९५३५० के राज्यकाल का प्रमाण tut १२४३३६४ १२४१०३६७ १२५० / ३६४ १२४१३६६ १२६१।३७२ १२८७/३७६ १२०६।३७२ १२६२/३५० १२६४।३८० १३०२३८२ १३०५/३८२ १०८१८३ १२११०३८४ २९४३६४ १३८१।३६७ १४९१/४०७

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