Book Title: Tattvarthadhigam Sutraam Tasyopari Subodhika Tika Tatha Hindi Vivechanamrut Part 07 08
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti
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दयासिन्धु
श्रधमों
तेरी
जय
वन्दन
हे
दुःखभंजन
मेरा भी उद्धार
नाव फँसी भव भँवरजाल
हो
( at )
[ ३ ]
प्रभुवर
जय
वन्दन
जय
हो
-
उस पार करो ।
उद्धारक जिनवर !
·
वामानन्दन ! करो,
जयकार है. तेरी,
है ॥
भक्तों पर
भक्तों के
तुम
इस 'सुशील' को चरण अन्तर्घट हों
पार्श्वजिनेश्वर
बारम्बार
[ ४ ]
उपकार
-
तुम्हारा,
रखवारे
1
शरण दो
उजियारे ।
तब मानूं श्रद्धायुत वन्दन,
है ॥
को स्वीकार पार्श्वजिनेश्वर
तेरी,
बारम्बार
है ।
卐
,
* मनवा ! अर्हम् श्रर्हम् बोल
[ १ ]
मानव
जीवन है मन ! तू विषयों में मत कभी तू कड़वे वचन न 'अर्हम्-अर्हम्'
मनवा
अनमोल
डोल ।
बोल 1
बोल ।।