Book Title: Tattvarthadhigam Sutraam Tasyopari Subodhika Tika Tatha Hindi Vivechanamrut Part 07 08
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti
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[४] दुःखसागर में डोले नैया , धर्म करे भव पार , वीर जिनेश्वर नित्य जपो , तो होता बेड़ा पार । सावधान ! यदि धर्म नहीं तो ,
___ डबोगे मझधार , 'अहम् • अहम्' बोल हे साधो !
मनवाणी को तोल । जीवन यह अनमोल....॥
ज
१० प्रण पाश्र्व का मन्दिर है ये तु
प्रभु पार्श्व का मन्दिर है ये
[१] प्रभु पार्श्व का मन्दिर है ये , जिनराज का दर है । मन कह दे सभी त्रुटियां , किस बात का डर है ।
सम्यक्त्व बिन रहा तू , जिनराज से सुदूर । मिली शरण है पावन फिर , क्यू बना मजबूर । कर . भाव समर्पण के , समर्पण की उमर है । प्रभु पार्श्व का मन्दिर है ये ॥