Book Title: Tattvarthadhigam Sutraam Tasyopari Subodhika Tika Tatha Hindi Vivechanamrut Part 07 08
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti
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( ८७ )
[२] बचपन खेलों में ही यौवन भी विषयों में देख बुढ़ापा प्रब क्यू 'प्रहम्-अहम्' बोल, बोल न कड़वे 'महम्-अहम्' बोल,
खोया , खोया ।
रोया , मनवा । बोल , मनवा॥
वृद्धावस्था से मत डरना , पाप कमाई तू मत करना । सत्य कमाई 'अहम्-अहम्', जप कर अन्तस्तल को भरना । अपना जीवन खुद ही तोल , मनवा 'अहम्-अहम्' बोल ।।
[४] कालबली का चक्र चलेगा , तब हंसा स्वयमेव उड़गा। तेरा वश फिर कुछ न चलेगा , खुल जायेगी पोल । मनवा 'अहम्-अहम्' बोल ॥
Ho श्रद्धा से सतत समर्पित है
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.. [१] श्रद्धा से सतत समर्पित है , जिनवर ! चरणों में मम जीवन । महकेगा शीघ्र कृपालव से , मेरे अन्तस्तल का उपवन ।।
॥ श्रद्धा से० ॥