Book Title: Tattvartha Sutra Part 01 Author(s): Nirmala Jain Publisher: Adinath Jain Trust View full book textPage 6
________________ * देवों की उत्तरोत्तर अधिकता और हीनता विषयक बातें * लोकान्तिक देवों का वर्णन * अनुत्तर विमानों के देवों की विशेषता * तिर्यंचों का स्वरूप * भवनपति देवों की उत्कृष्ट आयु * वैमानिक, नव ग्रैवेयक अनुत्तर विमानवसी देवों की उत्कृष्ट व जघन्य आयु * नारकी, भवनपति एवं व्यंतर देवों की जघन्य स्थिति * ज्योतिष्क देवों की स्थिति पंचम अध्याय अजीव पंचम अध्याय के विषय वस्तु * अजीवकाय के भेद * द्रव्य का लक्षण * द्रव्यों की विशेषता * द्रव्यों के प्रदेश * द्रव्यों का लोक में अवगाह * द्रव्यों के कार्य एवं लक्षण * धर्म-अधर्म द्रव्य का उपकार * आकाश का उपकार * पुद्गल का उपकार 93 96 98 98 98 100 103 104 106 106 107 108 110 112 113 114 114 * जीव का उपकार * काल का उपकार * पुद्गल का स्वरूप, गुण और पर्याय * पुद्गल के भेद * स्कन्धादि की उत्पत्ति के कारण * पौद्गलिक बंध के हेतु, अपवाद आदि * द्रव्य का लक्षण * गुण का स्वरूप * परिणाम का स्वरूप * परिणाम के भेद तथा विभाग * मूल सूत्र * परीक्षा के नियम * मॉडल परीक्षा पत्र 116 117 119 125 125 128 130 131 131 132 133 137 138Page Navigation
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