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भवनेषु दक्षिणाऽर्धा ऽधिपतीनां पल्योपम- मध्यर्धम्
||30||
सूत्रार्थ : भवनपतियों में दक्षिणार्द्ध के इन्द्रों की आयु डेढ़ पल्योपम होती हैं ।
-
शेषाणां पादोने | 31||
होती है।
सूत्रार्थ : शेष इन्द्रों की आयु पौने दो पल्योपम होती है।
असुरेन्द्रयोः सागरोपम-मधिकं च ||32||
सूत्रार्थ : दो असुरेन्द्रो की आयु क्रमशः एक सागरोपम और एक सागरोपम से
कुछ
भवनपति देवों की उत्कृष्ट आयु
नाम
विवेचन : प्रस्तुत सूत्र 29 में स्थिति (आयु) बताने का सूचन किया गया है, तथा सूत्र 30, 31, 32 में भवनपति देव के इन्द्रों की उत्कृष्ट आयु बताई गई है।
1. असुरकुमार 2. नागकुमार से
स्तनितकुमार तक
(नौ प्रकार)
वैमानिक देवों की उत्कृष्ट आयु सौधर्मादिषु यथाक्रमम् ||33||
दक्षिणार्ध के
इन्द्र
1 सागरोपम
डेढ (112)
पल्योपम
सूत्रार्थ : सौधर्म आदि देवलोक में
देवों की आयु क्रमश: होती है।
भवनपति
कल्पवासी देव
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99
उत्तरार्ध के
इन्द्र
1 सागरोपम से कुछ आदि
पौने दो (134)
पल्योपम
अधिक
ECCO
150010