Book Title: Tattvartha Sutra Part 01
Author(s): Nirmala Jain
Publisher: Adinath Jain Trust

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Page 159
________________ 10 x 1 = 10 जोड़ी मिलाइए :1. अवधिज्ञान 2. संज्ञा 3. सन्मूर्छिम 4. नारकी 5. चारित्र मोहनीय 6. जम्बूद्वीप 7. कल्पातीत विमान 8. पुद्गल 9. असंख्यात प्रदेश 10. जीवन मरण 1. औदारिक 2. उपपात 3. हरिवर्ष 4. धर्मास्तिकाय 5. 14 6. गंध 7. प्रत्यक्ष 8. नपुंसक वेद 9. पुद्गल 10. अभिनिबोध 10 x 1 = 10 निम्नोक्त पर सही (V) या गलत (x) निशान लगाए :1. सातवीं नारकी तम:प्रभा है। 2. वैक्रिय शरीर चार गतियों में पाया जाता है। 3. देवताओं को नपुंसक वेद होता है। 4. अधिगम पर के निमित्त से होता है। 5. व्यन्जनावग्रह मन और 5 इन्द्रियों की सहायता से होता है। 6. औदयिक भाव के 25 भेद हैं। 7. अंगोपांग नामकर्म के निमित्त से शरीर पुद्गलों की रचना निवृत्ति है। 8. सभी विकलेन्द्रिय समर्छिम होते हैं। 9. सभी संसारी जीवों को औदारिक शरीर होता है। 10. संक्लिष्ट असुर पाँचवीं नारकी तक पीड़ित करते है। 139 er borettorationis 72350585434 Primaanjalfventraryadigan alerna

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