Book Title: Tattvartha Sutra Part 01
Author(s): Nirmala Jain
Publisher: Adinath Jain Trust

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Page 161
________________ सूत्र को पूरा 1. श्रुतं.. 2. जीवा. 3. गति... 4. शेषा:. 5. सौधर्म करें (किन्हीं पाँच) 6. गति ... 7. औपपातिक. .. भेदम् । तत्त्वम्। भेदाः । . द्वयोर्द्वयो। ...सर्वार्थसिद्धे च । संक्षिप्त उत्तर देवें : 2× 10 = 20 1. अनपवर्तनीय आयुष्य वाले कौन होते हैं ? 2. स्कन्ध द्रव्य की उत्पत्ति कितने प्रकार की होती है, वह कौन सी है ? 3. बंध कैसे होता है ? 4. भवनपति देव कहां रहते हैं ? 5. 18 क्षयोपशमिक भावों के नाम लिखें। 6. द्रव्येन्द्रिय और भावेन्द्रिय क्या हैं ? 7. बेइन्द्रिय से पंचेन्द्रिय तक 1-1 इन्द्रियां बढती है - इसका सूत्र लिखें ? 8. 12 देवलोक के नाम लिखे ? . रूपकारः । .वर्त्यायुषः । 9. चाक्षुष और अचाक्षुष किसे कहते हैं ? 10. "अर्पिता नर्पित सिद्धेः " - Jain Educ का अर्थ लिखे। किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखे 5 x 4 = 20 1. निर्सग और अधिगम सम्यक्त्व का वर्णन करें। 2. मोक्षमार्ग क्या है यह किससे प्राप्त होता है विस्तार से लिखें । 3. “सत्, संख्या, क्षेत्र, स्पर्शन कालान्तर भावाल्पबहुत्व' - इस सूत्र को समझाइए | 4. सात नारकी के स्थिति या आयुष्य पर प्रकाश डालें। 5. ढाई द्वीप के आकार तथा विस्तार का विवचेन सचित्र करें। 6. जरायुज, पोतज तथा अण्डज जन्म किसे कहते हैं सोदाहरण लिखें ? 7. रूपी अजीवकाय के कितने भेद हैं ? उन पर संक्षिप्त प्रकाश डालें। 5 x 2 = 10 141 orfal & Private Usthly 1.org

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