Book Title: Tattvartha Sutra Part 01
Author(s): Nirmala Jain
Publisher: Adinath Jain Trust

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Page 143
________________ 4. स्थूलत्व : स्थूलता का अर्थ मोटापन है। यह भी दो प्रकार हैं। a) अन्त्य ( चरम ) स्थूलता और b) आपेक्षिक स्थूलता । a) अन्त्य स्थूलता : सबसे बड़ा स्कन्ध। ऐसा स्कन्ध संपूर्ण लोक व्यापी महास्कन्ध होता है। b) आपेक्षिक स्थूलता : अपेक्षा से स्थूलता को व्यक्त करना ही आपेक्षिक स्थूल है। आम की अपेक्षा खरबूज स्थूल और खरबूज की अपेक्ष तरबूज स्थूल है। स्थूलता (मोटापन) अन्त्य स्थूलता सबसे स्थूल स्कन्ध महास्कन्ध आम-खरबुज - तरबुज 5. संस्थान : संस्थान का अर्थ आकार, रचना - विशेष है। परमाणुओं के संयोग-वियोग से विभिन्न प्रकार से जो आकृति बनती है, उसे संस्थान कहते हैं। यह भी दो प्रकार का हैं। आपेक्षिक स्थूलता अपेक्षा से स्थूल a) इत्थंसंस्थान और b) अनित्थं संस्थान a) इत्थंसंस्थान : जिसके विषय में यह संस्थान इस प्रकार का है। यह निर्देश किया जा सके वह इत्थंलक्षण संस्थान है। गोल, त्रिकोण, चतुष्कोण आदि ये सब इत्थंलक्षण संस्थान है। ●ο इत्थं संस्थान निश्चित आकार गोल व त्रिकोण आदि (b) अनित्थं संस्थान : मेघ आदि के आकार जो कि अनेक प्रकार के है और जिनके विषय में यह इस प्रकार का है ऐसा नहीं कहा जा सकता वह अनित्थं संस्थान है। संस्थान (आकार) 123 Sonal & Piva अनित्थं संस्कार अनिश्चित आकार T बादल आदि

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