Book Title: Tattvartha Sutra Part 01
Author(s): Nirmala Jain
Publisher: Adinath Jain Trust

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Page 146
________________ विवेचन : स्कन्ध तीन प्रकार से बनता है - 1. भेद जन्य 2. संघात जन्य और 3. भेद और संघात जन्य । संघात जन्य : कम से कम दो परमाणु मिलते है तब द्विप्रदेशिक स्कन्ध होता है, यह संघात जन्य स्कन्ध है। इसी प्रकार त्रिप्रदेशिक यावत् अनन्तानन्त प्रदेशिक स्कन्ध संघातजन्य स्कन्ध है। जैसे 100 परमाणुओं में 10 परमाणुओं और मिलने पर 110 स्कन्ध परमाणुओं का स्कन्ध बना । भेद जन्य : किसी बडे स्कन्ध के टूटने से जो छोटे-छोटे स्कन्ध होते है, वे भेद जन्य है। जैसे 100 परमाणुओं का स्कन्ध है । उसमें से 10 परमाणु अलग हो जाने से 90 परमाणुओं का स्कन्ध बना । भेद-संघाताभ्यां चाक्षुषाः ||28|| सूत्रार्थ : भेद और संघात से चाक्षुष स्कन्ध बनते हैं। विवेचन : भेद और संघात इन दोनों क्रियाओं से उत्पन्न स्कन्ध ही चक्षुन्द्रिय से देखा जा सकता है। पुद्गल परिणाम अति विचित्र और असंख्यात प्रकार का है। यह आवश्यक नहीं कि असंख्यात या अनन्त पुद्गल परमाणुओं द्वार निर्मित स्कन्ध दृष्टिगोचर होते ही हैं। महास्कन्ध भी सूक्ष्म होता है वह दिखाई नहीं देता । Thistle funnel भेद संघात जन्य : जब किसी एक स्कन्ध के टूटने पर उसके अभाव के साथ उसी समय दूसरा कोई द्रव्य मिल जाने से नया स्कन्ध बनता है वह भेदसंघात जन्य कहलाता है। जैसे 100 परमाणुओं स्कन्ध में से 10 परमाणु अलग हो गये और उसी समय अलग 15 परमाणु मिल जाने से 105 परमाणुओं का स्कन्ध बना, वह भेदसंघात जन्य स्कन्ध है। अणु की उत्पत्ति स्कन्ध के भेद से ही होती है संघात से नहीं । वास्तव में स्थूलता और सूक्ष्मता पुद्गल द्रव्य की पर्यायें हैं। जब पुद्गल स्कन्ध सूक्ष्म पर्याय रूप परिणमन करते है तो दिखाई नहीं देते और जब वे स्थूल पर्याय रूप में परिणमन करते हैं तो दिखाई देने लगते हैं । CaC H.0 (Ca(OH).) Delivery tube Ethyne Bee hive shelf Trough Water एक उदाहरण ले । हाइड्रोजन एक गैस है, ऑक्सीजन भी एक गैस है। ये दोनों सामान्यता दिखाई नहीं देते हैं। किन्तु जब हाइड्रोजन के दो अणु और ऑक्सीजन का एक अणु मिलते है, तो पानी बनकर दिखाई देते है शास्त्रीय भाषा में इसे यो कहा जा सकता है 126

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