Book Title: Tattvartha Sutra
Author(s): Akhileshmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra
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३०
तत्त्वार्थ सूत्र
अथ चतुर्थोऽध्यायः
देवाश्चतुर्निकायाः ॥१॥
तृतीयः पीतलेश्यः ॥२॥
दशाष्टपञ्चद्वादशविकल्पाः कल्पोपपन्न
पर्यन्ताः ||३||
इन्द्रसामानिकत्रायस्त्रिंशपारिषद्यात्मरक्षलोक पालानीकप्रकीर्णकाभियोग्यकिल्विषिकाश्चैकशः॥४॥
त्रायस्त्रिंशलोकपालवर्ज्या
व्यन्तरज्योतिष्काः ॥५॥
पूर्वयोर्द्वन्द्राः ||६||
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