Book Title: Tattvartha Sutra
Author(s): Akhileshmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 89
________________ तत्त्वार्थ सूत्र वेदनीये शेषा: ॥ १६॥ एकादयो भाज्या युगपदैकोनविंशतेः ॥१७॥ सामायिकच्छेदोपस्थाप्यपरिहारविशुद्धिसू क्ष्मसंपराययथाख्यातानि चारित्रम् ॥ १८ ॥ अनशनावमौदर्यवृत्तिपरिसंख्यानरसपरित्यागविविक्तशय्यासनकायक्लेशा बाह्यं ८४ तपः ।। १९ ।। प्रायश्चित्तविनयवैयावृत्त्यस्वाध्यायव्युत्स ध्यानान्युत्तरम् ॥२०॥ नवचतुर्दशपञ्चद्विभेदं यथाक्रमं प्राग्ध्या नात् ।।२१।। आलोचनप्रतिक्रमणतदुभयविवेकव्युत्सर्गतपश्छेदपरिहारोपस्थापनानि ॥२२॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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