Book Title: Tattvartha Sutra
Author(s): Akhileshmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra
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५६..............तत्त्वार्थ-सूत्र................ आद्यं संरम्भसमारम्भारम्भयोगकृतकारितानुमतकषायविशेषेस्त्रिस्त्रिस्त्रिश्चतुश्चैकशः ॥९॥ निर्वर्तनानिक्षेपसंयोगनिसर्गा द्विचतुर्द्वित्रिभेदाः परम् ॥१०॥ तत्प्रदोषनिह्नवमात्सर्यान्तरायासादनोपघाता ज्ञानदर्शनावरणयोः ॥११॥ दुःखशोकतापाक्रन्दनवधपरिदेवनान्यात्मपरोभयस्थान्यसद्वेद्यस्य ॥१२॥ भूतव्रत्यनुकम्पा दानं सरागसंयमादियोगः क्षान्तिः शौचमिति सद्वेद्यस्य ॥१३॥ केवलिश्रृतसङ्घधर्मदेवावर्णवादो दर्शनमोहस्य ॥१४॥
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