Book Title: Tattvartha Sutra
Author(s): Akhileshmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra
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तत्त्वार्थ सूत्र
कषायोदयात्तीव्रात्मपरिणामश्चारित्रमोह
५८
स्य ।। १५ ।।
बह्वारम्भपरिग्रहत्वं च नारकस्यायुषः ।। १६॥
माया तैर्यग्योनस्य ॥ १७ ॥
अल्पारम्भपरिग्रहत्वं, स्वभावमार्दवार्जवं च मानुषस्य ॥ १८ ॥
निः शीलव्रतत्वं च सर्वेषाम् ॥ १९ ॥
सरागसंयमसंयमासंयमाकामनिर्जराबाल
तपांसि देवस्य ॥ २०॥
योगवक्रता विसंवादनं चाशुभस्य
नाम्नः ॥ २१॥
विपरीतं शुभस्य ॥२२॥
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