Book Title: Tattvartha Sutra
Author(s): Akhileshmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 39
________________ तत्त्वार्थ सूत्र मेरुप्रदक्षिणा नित्यगतयो नृलोके ॥ १४ ॥ तत्कृत: कालविभागः ॥ १५ ॥ बहिरवस्थिताः ॥ १६॥ वैमानिकाः || १७॥ कल्पोपपन्नाः कल्पातीताश्च ॥ १८ ॥ उपर्युपरि ॥ १९ ॥ सौधर्मैशानसानत्कुमारमाहेन्द्रब्रह्मलोकलान्तकमहाशुक्रसहस्रारेष्वानतप्राणतयोरारणाच्युतयोर्नवसु ग्रैवेयकेषु विजयवैजयन्तजयन्ताऽपराजितेषु सर्वार्थसिद्वै च ॥ २० ॥ ३४ स्थितिप्रभावसुखद्युतिलेश्याविशुद्वीन्द्रियावधिविषयतोऽधिकाः ॥२१॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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