Book Title: Tattvagyan Smarika
Author(s): Devendramuni
Publisher: Vardhaman Jain Pedhi

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Page 7
________________ શ્રી વર્ધમાન સ્વામિને નમઃ शु.... .... .... ??? ४यां........ .... ??? १२-१४ १५-२१ २२-२६ २७-२९ ३०-३२ ३३-३८ १ ॐ नमः सिद्ध २ ऋतं सत्यं च ३ बीजाक्षर एवं उनका महत्व ४ नाद बिन्दु कला ५ सूर्य-प्रज्ञप्तिके आधारपर सर्यकी गति ६ वैदिक साहित्यमें पृथ्वी ७ दार्शनिक-आलोकमें आत्मा ८ वैदिक-साहित्य में आत्मा ९ जैन-दर्शन और अस्तिकाय १० परमाणु-पुद्गल-संस्थान ११ सप्तभंगी १२ ज्योतिष विज्ञान १३ वैज्ञानिकी दृष्टिमे सौर-परिवार १४ जन-साहित्यमे भूगोल १५ सुख-मीमांसा १६ भावना-वर्गीकरण १७ प्राचीन-भारत की जन शिक्षा प्रणाली १८ पाटन और हिन्दी १९ देवलोक की सृष्टी २० योगशास्त्रके अनुसार भुवनेांका स्वरुप २१ पृथ्वी गोल नही २२ पृथ्वी संबंधी नवीन तथ्य ४२-५१ ५२-५८ ५९-७६ ७७-८१ ८२-८५ ८६-८९ ९०-९२ ९७-१०१ १०२-१०९ ११०-११५ ११६-१२२ १२३-१२८ १२९-१३६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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