Book Title: Tantra Adhikar Author(s): Prarthanasagar Publisher: Prarthanasagar Foundation View full book textPage 4
________________ तन्त्र अधिकार मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर 510 510 510 511 511 511 विजया कल्प सरपंखा कल्प श्वेतगुंजा कल्प दक्षिणावर्त शंख कल्प गौरोचन कल्प रक्तगुन्जा कल्प रक्तगुंजा कल्प लक्ष्मणा कल्प लजालु (छुइमुइ) कल्प हीरा बनाने की विधि सोना-चाँदी बनाने का तंत्र काल सर्प दोष / मंगल दोष निवारण हेतु । ग्रह दोष निवरण वनस्पति मूल (जड़) तन्त्र ग्रह दोष निवरण तन्त्र स्नान (मतान्तर से) सर्व ग्रह पीड़ दूर करने हेतु औधीषय स्नान 512 513 514 514 514 516 516 518 । ॐ शन्ति ।। 426Page Navigation
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