Book Title: Syadvadasiddhi Author(s): Darbarilal Nyayatirth Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti View full book textPage 4
________________ स्याद्वादसिद्धि पूर्वक लिख चुका हूँ | जबतक और कोई नये पुष्ट प्रमाण उपस्थित नहीं होते, तबतक मैं अपनी धारणाको बदलने का कोई कारण नहीं देखता । x ग्रन्थमाला का ४५ व ग्रन्थ जैन शिलालेखसंग्रह ( द्वि०भाग ) छुप रहा है और आशा है कि वह इस वर्षके अन्त तक प्रकाशित हो जायगा । taraबाग, बम्बई २०५६-५० Jain Education International } - नाथूराम प्रेमी, For Private & Personal Use Only मंत्री | www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 172