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स्वास्थ्य अधिकार
मन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
1. वायु से सिर दर्द १. गुड़ और सोंठ का नस्य लेने से सिर दर्द में फायदा होता है।
____ 2. पित्त से सिर दर्द १. इमली को भिगोकर मल छानकर शक्कर मिलाकर पीने से गर्मी की सिर पीड़ा मिटती
है।
२. बकरी के मक्खन की मालिश करने से गर्मी की सिर पीड़ा मिटती है। ३. सागवान की लकड़ी को पानी में घिसकर सिर पर लेप करने से गर्मी की सिर पीड़ा
मिटती है। ४. धनिया और कालीमिर्च भिगोकर घोट छानकर मिश्री मिलाकर पीने से फायदा होता है।
3. कफ की मस्तक पीड़ा १. तुलसी व अडूसा के रस की नस्य देने से मस्तक पीड़ा मिटती है।
4. मस्तक की स्नायु सम्बन्धी पीड़ा १. धनिया का लेप करने से आराम मिलता है।
5. जुकाम से सिर दर्द १. पीपल के चूर्ण की नास लेने से सिर दर्द मिटता है। 2. सिरदर्द, जुकाम- लौंग, तेल या पानी में घिसकर कनपटी व सिर पर लेप करें, सिरदर्द समाप्त होगा। मिश्री में चन्द बूंद लौंग तेल मिलाकर लेवें तो जुकाम समाप्त होगा।
6. मस्तक पीड़ा, भंवल व चक्कर आना १. चम्पा के फूलों को तिल के तेल में पीसकर लेप करने से भंवल मिटती है। २. हल्दी को पीसकर ललाट पर लेप करने से भंवल, चक्कर और सिर दर्द मिटता है। ३. त्रिफला को घृत और मिश्री में खाने से सिर के समस्त रोग मिटते हैं।
___7. मस्तक वेग १. गुलाब जल पिलाने से मस्तक की भड़कन मिटती है।
____8. मस्तक में रुधिर का जमाव १. नागरबेल पान का रस सूंघने से मस्तक में रुधिर का जमाव नहीं रहता है।
9. मस्तक का दर्द दूर के लिए १. बादाम गिरी नग ७, छुहारा नग १, इलायची नग ४, मिश्री ६२.५ ग्राम की चटनी
सेवन करने से सब प्रकार का शिर-शूल मिटता है।
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