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स्वास्थ्य अधिकार
मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
3. चर्म रोग- चम्पा के फूलों को पीसकर चर्म रोग या कुष्ट रोगी के शरीर पर लगाने से
बहुत लाभ होता है। अथवा चमेली का तेल लगाएं। 4. मूली का बीज नीम्बू के रस में लगावें तो भभूत चर्म रोग नष्ट होता है। 5. नारंगी की कलीपर सेंधा नमक डाल कर चर्म रोग (भभूत) पर रगड़ने से नष्ट हो
जाता है। 6. कपड़ों की भस्म को लगाने वालों के घर प्रायः रोगाक्रमण भी नहीं होते हैं। भस्म के प्रयोग से कामान्धता दूर होती है। अनेक प्रकार की चर्म व्याधि और कुष्ठ रोग भस्म के
प्रयोग से ठीक हो जाते हैं। 7. कर्पूर खोपरा के तेल में मिलाकर मालिश करें तो (पिस्ती) चर्मरोग मिटे। 8. फिटकरी, नमक पानी में बांटकर लेप करें तो पिस्ती चर्मरोग मिटे। 9. लकड़ी की राख छानकर बदन पर मालिश करें, कपड़ा उड़ावें तो चट्टे चर्मरोग
(पिस्ती) मिटे। 10. पुवाड (भुई तरवट) का बीज पीसकर कपड़े से छानकर दही में लगावे तो दाद (गजकर्ण चर्मरोग) नष्ट हो जाता है।
(124) बवासीर (मस्सा) रोग १. गाय की छाछ में सेंधानमक मिलाकर कई दिन सेवन करने से बादी का बवासीर
मिटता है। २. जमीकन्द पर माटी लेपटकर भाड़ में भरोथ्यो (भून) करके पीछे माटी हटाकर फिर
सेंधानमक लगाकर उसके टुकड़े कर लें। घी या तेल लगाकर २५ ग्राम प्रमाण
प्रतिदिन ३१ दिन पर्यन्त खाने से बादी का बवासीर मिटता है। ३. आक के ताजे पत्तों को पाँचों नमक अनुमान माफिक लगाकर तथा तेल व खटाई
लगाकर फिर दग्ध करें, पश्चात् उस भस्म को ३.२-४ ग्राम गर्म पानी से ५ दिन लेने
से बादी का बवासीर मिट जाता है। ४. वन्दाल के पत्तों को औटाकर उससे सिंचा लेवें अथवा वन्दाल के डोंडों की धूनी देवें
तो बादी का बवासीर मिट जाता है। 5. बवासीर की खाज पर कुचेला को पानी में पीसकर लेप करें। 6. बवासीर में कपूर की धूनी देने से मिट जाता है। 7. लालचन्दन, नीम की छाल, धमासा, सोंठ इन सबका काढ़ा ३१ दिन देने से सब तरह
का मस्सा मिटे।
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