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स्वास्थ्य अधिकार
मन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
6. दही (मट्ठा) में बारीक नमक मिलाकर जले हुए पर लगाने से तत्काल आराम हो जाता
7. चने के पानी में नारियल का तेल खूब मथकर लगाने से जले हुए में फायदा होता
8. सरसों का तेल लगाकर ऊपर पीसी हुई मेहँदी बुरकाने से जले हुए में आराम हो जाता
(140) हड्डी टूटने पर 1. लाख, गंगेरन की छाल, अर्जुन वृक्ष की छाल, असगंध, विजैसार, इन सबको समान
भाग लेकर तथा गूगल एक दवा से तिगुना लेकर सबको पीसकर घृत में अच्छी तरह मिला लें, फिर उसकी 6.4 ग्राम प्रमाण गोलियाँ बनाकर 1 गोली दूध के साथ खाने से अस्थि भंग, तथा टूटी हुई हड्डी जुड़ जाय और दृढ़ हो जाय।
(141) काँच निकालना 1. 50 ग्राम अनार के छिलके को पानी में उबाल लें और छानकर ठण्डा होने पर उससे ___ सिंचा (आबदस्त) लेवें, इससे काँच निकालना रोग मिट जाता है।
2. गुदा (काँच) निकलने पर- कमल के पत्तों की १ तोला चटनी खांड के साथ खाने ___ से काँच निकलना बन्द हो जाता है। 3. गुदा निकलना- (अपराजिता, कोमल, कालीजर, धन्वन्तरि, बिष्णुकान्ता), अपराजिता की जड़ कमर में बांधने से काँच (गुदा) निकलना बन्द हो जाती है।
(42) अधो वायु बंध का उपाय (1) अधो वायु बंध का उपाय- बिजोर के पत्ते के चूर्ण को सायंकाल के समय घृत में ___ मिलाकर चाटने से तथा फल के समान मुख में रखने से अधोवायु नहीं निकलतौ।
(143) हाथ पॉवों की व्याऊ फटने पर 1. मोम, सेंधानमक, गूगल, गेरूं, घृत, मिश्री और खस की मल्हम (मरहम) बनाकर लगाने ___ से ब्याऊ रोग मिटता है। 2. धतूरे के बीज और जवाखार को सरसों के तेल में पकाकर मर्दन करने से ब्याऊ
रोग मिट जाता है। 3. पुराने गुड़ को गर्म करके लगाने से ब्याऊ रोग मिटता है। 4. मोम को दीपक की लौ से गर्म करके ब्याऊ में भरने से ब्याऊ मिटता है। 5. मोम, घृत और नमक इन तीनों को किसी पात्र में गर्म करके ब्याऊ में लगाने से आराम
मिलता है।
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