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स्वास्थ्य अधिकार
मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
2. बिच्छु जहर नष्ट- कवोष्ण (गुनगुना कम गरम) धृत के साथ सैंधा नमक मिलाकरके
पीने से बिच्छु के विष से उत्पन्न अत्यन्त दुस्सह वेदना भी नष्ट हो जाती है। 3. बिच्छु की औशधि- नींबू के पत्ते के रस में हींग रगड़कर बिच्छु के काटे हुए
स्थान पर लगायें तो तुरन्त आराम होता है। 4. गुड़ खायें और प्याज मलें तो फौरन आराम होता है। 5. चिड़चिड़े के पत्ते को पीसकर मलें तो फौरन आराम होता है। 6. कोंच के बीज को पीसकर हथेली पर रगड़े तो फौरन आराम हो जायेगा। 7. बिच्छु जहर नष्ट होय- कविट्ठ (कैथा, कबीठ) की जड़ नमक और तेल,
इनको पिलाने से बिच्छु का जहर उतर जाता है। 8. तिल की जड़, अनार की छाल समभाग लेकर ठंडे जल से पीसकर गुटिका
बनाकर पीलावें तो बिच्छु का जहर नष्ट होता है। 9. बिच्छू के काटे हुए स्थान पर आक का दूध मलने से जहर उतर जाता है।
(153) कुत्ते द्वारा काटा निष्प्रभावी होय 1. पागल कुत्ते के काटने पर धृतकुमारी का पत्ता सेंधा नमक पीसकर आंच पर
__गरम कर तीन दिन तक बांधने से विश प्रभाव दूर होता है। 2. एंरड के तेल का लेप करने से भी सभी प्रकार के विश प्रभाव दूर होते हैं। 3. कुत्ते द्वारा काटा निष्प्रभावी होय- गुड़, तेल, आक के दूध को मिलाकर कुत्ते के
काटे स्थान पर लेप करने से विष प्रभाव दूर होता है। 4. धतूरे के फूल तथा बीजों को चौलाई के रस में पीसकर लेप करने से श्वान जहर
उतरता है। 5. गवारपाठा की गिरी और सेंधानमक को बाँधने से बावला कुत्ता का काटा हुआ अच्छा
होता है। 6. गवार पाठा के रस और सेंधानमक को ३ दिन तक गर्म जल से पीने से बावले कुत्ते का जहर उतर जाता है।
(154) बर्र-ततैया के जहर पर १. गेंदे के पत्ते १२.५ ग्राम और कालीमिर्च नग ५ को पानी में पीसकर लेप करने से
ततैया का जहर उतर जाता है। 2. बर्र-ततैया के काटने पर- इन्द्रायण की जड़ को जल में पीसकर लगा दीजिए तुरन्त
कष्ट शान्त होगा।
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