Book Title: Swasthya Adhikar
Author(s): Prarthanasagar
Publisher: Prarthanasagar Foundation

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Page 88
________________ स्वास्थ्य अधिकार मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर पुरुष सेवन करे, जो घर में १०० स्त्रियों को रख सके। 10. असगन्ध की जड़ का चूर्ण गौ के दूध के साथ नित्य सेवन करने से वृद्ध पुरुष भी युवा पुरुष के समान वेगवान् हो जाता है। 11. घातु क्षीणता पर पीपल, जायफल, पीपलामूल, जायपत्ती, कालीमिर्च, सोंठ, इलायची, अकरकरा, दालचीनी, लौंग सब बराबर लेकर चने के बराबर लेना (गोली बलाकर) दूध के साथ लेना तो आदमी में महान शक्ति आती है। 12. केला दूध के साथ खाने से शक्ति बढ़ती है। (मांस का काम करता है) इतनी शक्ति बढ़ती है कि मांसाहारी जिस उद्देश्य से मांस खाते हैं उससे कई गुना अहिंसक का आहार केला और दूध है। इसका सेवन सभी करें। 13. काम शक्तिवर्द्धक योग- प्रथम बार ब्याई गायों के दूध में पकाई गई उड़द की दाल की खीर कामशक्ति को वृद्धिगत करने में सर्वश्रेष्ठ है। (नीति वाक्य श्री सोमदेव सूरि) (182) दुर्बलता निवारण 1. दुर्बलता निवारण- दो केला खाकर दूध पीने से दुर्बलता दूर होती है। 2. सूखे हुए शहतूत पीसकर उनकी रोटी बनाकर खाने से शरीर पुष्ट और मोटा बनता है। 3. असगन्ध के चूर्ण का प्रयोग- असगन्ध को १५ दिन तक दूध या घृत या केवल उष्ण जल के साथ सेवन किया जाय तो जिस प्रकार जल वृष्टि से छोटे धान्यों की पुष्टि होती है, उसी प्रकार शहीर की पुष्टि होती है। 4. असगंध के चूर्ण में बंग मिलाकर दूध के साथ फक्की लेने से वृद्धावस्था की कमजोरी मिटती है। 5. पीपल, सोंठ, कालीमिर्च के चूर्ण की फक्की लेने से हाथ-पैरों का ठण्डापन और निर्बलता मिटती है। (183) नपुंसकता,वीर्य धातु रोग 1. नपुंसकता- १.भटकटैया की जड़ तथा फल, पीपल और काली मिर्च और गोरोचन का चूर्ण बनायें तथा एक साथ मिलाकर कामन्द्रिय पर लेप करें नपुंसकता ठीक होगी। नपुंसकता, बांझपन, वीर्य धातु रोग- रात को गेंहूं भिगोकर सुबह पीसकर मिश्री या गुड़ के साथ खाने से नपुंसकता, बांझपन या वीर्य रोग दूर होते हैं। 3. नपुंसकता- बकरी के दूध के साथ तिल और गोखरू के चूर्ण को शक्कर मिलाकर खाने से नपुंसकता नष्ट हो जाती है। 4. बिना बीज की बबूल की कच्ची फली, बबूल की कोंपल और बबूल की गोंद इनको 601

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