Book Title: Swasthya Adhikar
Author(s): Prarthanasagar
Publisher: Prarthanasagar Foundation

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Page 59
________________ मंन्त्र, यन्त्र और तन्त्र स्वास्थ्य अधिकार मुनि प्रार्थना सागर (120) वभूति रोग १. केली का खार, हल्दी, दारूहल्दी, मूली का बीज, हरताल, देवदारू, शंख का महीन चूर्ण, इन सबको बराबर लेकर नागरबेल के पान के रस में महीन पीसकर लेप करने से वभूति रोग मिट जाता है । (121) श्वेत कुष्ठ रोग १. घुंघची और चित्रक को पानी में पीसकर लगाना चाहिये अथवा मेनसिल व चिरचिरा की राख को पानी में पीसकर लेप करने से श्वेत कुष्ठ मिटता है । २. पीली चमेली, गज पीपल, कसीस, विडंग मेनसिल, गौरोचन, संधव को समभाग गौमूत्र में पीसकर लेप करने से श्वेत कुष्ठ मिटता है । ३. गंधक, आमलासार, चित्रक, कसीस, हरताल और त्रिफला इनके चूर्ण का गौमूत्र में लेप करना चाहिये । ४. मालकांगनी को २१ दिन गौमूत्र में भिगोकर उसका तेल लगाने से श्वेत कोढ़ मिटता है। ५. हरताल १ भाग, बावची २ भाग, गौरोचन १ भाग को गौमूत्र में पीसकर लेप करने से सफेद कोढ़ मिटता है। 6. नौसादर को तिल के तेल में मिलाकर लेप करने से सफेद कोढ़ मिटता है । 7. नीम के पत्तों के साथ सोनामुखी लेने से सफेद कोढ़ मिट जाता है। 8. सफेद कोढ़ के आरम्भ में अंजीर के पत्तों का रस लगाने से रोग बढ़ना बन्द हो जाता है I (122) सफेद दाग 1. सफेद दाग :- श्वेत आक के दूध में सेंधा नमक घिसकर छोटे-छोटे सफेद दागों पर लगाने से वह ठीक हो जाते हैं । 2. श्वेत घुंघची पीसकर, जल लेप करे कोय । श्वेत दाग तिनके मिटै, निर्मल काया होय ॥ ६. अरण्ड की काकड़ी का दूधिया रस लगाने से सफेद दाग व चर्मरोग मिटते हैं । ७. चालमोगरे का तेल मलहम की तरह लगाने से सफेद दाग मिटे | ८. आक की जड़, गन्धक, हरताल, कुटकी, हल्दी को बराबर लेकर गौमूत्र में पीसकर ७ दिन तक लगातार लेप करने से सफेद दाग मिट जाते हैं । (123) चर्म रोग 1. चर्म रोग - कीकर (बबूल) का लेप बनाकर त्वचा पर लगाने से चर्म रोग दूर होता है। 2. चर्म रोग - नौसादर को कौड़ी के साथ घिसकर रोग पर लगाने से लाभ होगा। 572

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